Thursday 24 November 2016

मानवता से होगा कल्याण

मार्गदर्शक चिंतन

दूसरों को सुख पहुँचाने के लिए स्वयं कष्ट उठाना और दूसरों की भूख मिटाने क लिए स्वयं भूखा रहना, यही तो महानता की परिभाषा है। दुनिया तुम्हें महान कहे, यह महत्वपूर्ण नहीं अपितु दुनिया की नज़र अंदाजी के बावजूद भी तुम महान कार्य करते हो, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।
प्रदर्शन महानता का लक्षण नहीं अपितु पर पीड़ा का दर्शन महानता का लक्षण है।
एक व्यक्ति समाज द्वारा पूजा जाता है और एक व्यक्ति द्वारा किसी गरीब के आँसुओं कोपौंछा जाता है। एक व्यक्ति की सेवा दुनिया करती है और एक व्यक्ति दुनिया की सेवा को ही अपना ध्येय बना लेता है।
एक व्यक्ति की आरती सब लोग उतारते हैं और एक व्यक्ति सबके आर्त (दुःख) उतारने के लिए संघर्षशील बना रहता है। जिनके मन में दूसरों के लिए करुणा का भाव है वही लोग वास्तव में महान हैं।

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