Saturday 12 November 2016

असत्य कब होता है मंगलकारी..

मार्गदर्शक चिंतन-

सत्य हर बार शुभ और मंगलकारी नहीं होता है और झूठ भी हर बार अशुभ और अमंगलकारी नहीं होता है। भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन में यह सीख सबको दी कि झूठ और सत्य का निर्धारण कभी भी इस बात से नहीं होता कि आपने क्या कहा ? अपितु इस बात से होता है कि आपने क्यों कहा महाभारत में युधिष्ठिर को समझाते हुए भगवान श्री कृष्ण यही कहते हैं कि हे युधिष्ठिर जिस सत्य को बोलने और जिस सत्य पर चलकर अधर्म को, अनीति को और अमंगल को प्रश्रय (प्रोत्साहन) मिलता हो, वह सत्य भी किसी काम का नहीं।
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं, सर्वं भूत हितं प्रोक्तं , इति सत्यम "सभी प्राणियों का जिसमे हित हो, ऐसा वचन बोलना ही सत्य है। जिससे लोक कल्याण हो वही सत्कर्म है।

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