मार्गदर्शक चिंतन
प्रतिकूलताओं से बच कर भाग जाने से हम कभी भी सुखी नहीं रह सकते। इनका सामना करके ही जीवन उच्चता को प्राप्त होता है। मानव से देव और नर से नारायण कैसे बना जाता है इसके लिए भगवान् श्रीकृष्ण के जीवन को समझना होगा।
श्रीकृष्ण के जीवन में भी बड़ी विषमताएं, प्रतिकूल स्थितियाँ आईं पर वो हताश नहीं हुए, दृढ़ता से उनका सामना कर विजय प्राप्त की। उनकी इसी अद्भुत सामर्थ्य ने एक दिन उन्हें परम वन्दनीय बना दिया।
आज हम विषमता रुपी विष से बचना चाहते हैं, बचने का प्रयास करते हैं। यही नाहक प्रयास हमारे चेहरे की उदासी का कारण बन जाते हैं। भागो मत सामना करो ताकि हमारा जीवन श्री कृष्ण ना सही कृष्ण भक्त कहलाने के लायक तो बन सके।
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