Thursday 1 December 2016

कैसे करते हैं वेद-पुराण हमारा मार्गदर्शन

मार्गदर्शक-

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जिस प्रकार एक माँ का हाथ में डंडा लेने का उद्देश्य अपनी संतान को पीटना नहीं अपितु उसे थोडा सा भय दिखाकर गलत काम करने से रोकना होता है। ठीक इसी प्रकार हमारे शास्त्रों में भी दंड विधान का मतलव किसी को आतंकित करना अथवा भयभीत करना नहीं, थोडा सा भय दिखाकर मनुष्यों को कुमार्ग पर चलने से बचा लेना है।
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शास्त्रों का काम डराना नहीं है , जीवन को अराजकता से बचाना है। शास्त्र पशु बने मनुष्यों के लिए उस चाबुक के समान है जो सही दिशा में जाने को बार- बार प्रेरित करता है। शास्त्रों का उद्देश्य भयभीत करना नहीं आपितु भयमुक्त कर देना है।
शास्त्र घर में सजाकर रखने के लिए नहीं होते, जीवन में उतारकर कर्मों को सुन्दर बनाने के लिए होते हैं। अतः शास्त्रों से डरो नहीं बल्कि उनके बताये मार्ग पर चलो। ताकि आपको समझाने के लिए कोई विरोध रुपी शस्त्र का सहारा ना ले।

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