Saturday 17 December 2016

जानिए क्या है योगिनी विद्या...64 योगिनियों की कृपा क्यों है जरुरी

योगिनी विद्या
योगिनी यह शब्द प्रचलित है और कहा जाता है जब तक योगिनी की कृपा साधक पर ना हो तब तक उसको साधना मे शीघ्र सफलता प्राप्त नही होता है.इसके पीछे का एक कारण लिखना चाहता हू,हमारे तंत्र मे 64 योगिनी है जो शिव जी के सेवा मे होती है और जब भी कोई साधक साधना मे होता है तो योगिनिया उसके साधना को खंडित करती है.जैसे साधक के मन मे साधना के समय विचार आते रहेते है, उसको निंद आती है,वह ध्यान नही लगा पाता,कभी उसको आलस्य आता है तो कभी प्यास लगती है या लघू-दीर्घ शंका आती है.....बहोत सारे विघ्न उसके साधना मे आते है और इन विघ्नो का कारण योगिनिया है जिन्हे शिव जी से वरदान प्राप्त है "प्रत्येक साधक को मदत करने हेतु,परंतु जब तक वह साधक से प्रसन्न नही होती तक वह अपने इच्छानुसार साधक को फल देगी".जब योगिनिया साधक पर प्रसन्न होती है तो उसके मंत्रो को मंत्रदेवता तक पहोचा देती है और उसके कार्यो मे आनेवाले विघ्नो का निवारण कर देती है.प्राचीन शिवमंदिरो मे आज भी योगिनियो के विग्रह देखने मिलते है क्यूके वहा योगिनिया भक्तो के साथ-साथ मंदिर का भी सुरक्षा करती रहेती है.
64
योगिनियो मे मंत्र योगिनी,दिव्य योगिनी ,सिद्धी योगिनी,धन योगिनी इस प्रकार की योगिनीया है जो साधक को सिद्धी के साथ सभी कार्यो मे पूर्ण सफलता प्रदान करती है.बिना योगिनी कृपा के साधना मे सफलता प्राप्त करना कठीन कार्य है.



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