Thursday 26 October 2017

भगवान शिव..विनाश के नहीं संतुलन के देव हैं..

मार्गदर्शक चिंतन-

भगवान शिव को केवल विनाश करने वाला समझना शिवतत्व को ना जानना है। भगवान शिव विनाश के देव नहीं अपितु संतुलन के देव हैं। सृजन और रक्षण जितना कठिन काम है संतुलन भी उससे तनिक कम नहीं।
जिस प्रकार हर वस्तु अपने में एक निश्चित क्षमता लिए होती है और इससे ऊपर इसके साथ की जाने वाली ज्यादती उसको अवश्य क्षति पहुंचाती है। ठीक इसी प्रकार यह सम्पूर्ण प्रकृति भी अपने आप में एक निश्चित क्षमता को धारण किये है। इसमें सृजन और रक्षण की तभी उपयोगिता है जब यह संतुलित अवस्था में आ जाए।
प्रलय का अर्थ केवल विनाश नहीं अपितु यह संतुलन की एक आवश्यक प्रकिया भी है। अतः भगवान शिव प्रलय अथवा विनाश नहीं करते अपितु संतुलन बनाये रखते हैं।

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