Wednesday 12 April 2017

जानिए दूसरों की बातें सुनने से क्या लाभ होता है..

मार्गदर्शक चिंतन-

किसी के विचारों से सहमत होना एक बात है और किसी के विचारों को सुनना दूसरी बात। आप भले ही दूसरों के विचारों से सहमत न हों कोई बात नहीं, लेकिन एक बार दूसरों के विचारों को सुन अवश्य लेना चाहिए। ये बात सच है कि हर आदमी आपके स्तर की बात नहीं कर सकता मगर बिना सुने उसका स्तर भी तो नहीं जाना जा सकता है।
विचार किसके हैं ? से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि विचार कैसे हैं ? मित्र भी अगर बुरे विचारों को रखकर गलत सलाह देता हो तो उस सलाह को त्याग देना ही हितकर है। और शत्रु भी यदि अच्छी सलाह देता है तो वो भी श्रेयस्कर है।
यदि लोगों के बीच आप ही बात करते रहोगे तो आप केवल वही दुहरायेंगे जो आप जानते है परन्तु दूसरों को सुनोगे तो जरूर कुछ नया सीखने को मिलेगा।
जिन्दगी की आधी शिकायतें ऐसे ही दूर हो जाएँ अगर लोग एक दूसरे के बारे में बोलने की वजाय एक दूसरे से बोलना सीख जाएँ। दूसरों के विचारों को प्रगट करने की अभिव्यक्ति का जरूर सम्मान करें।

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