Tuesday 30 May 2017

जानिए..जिंदगी में सबसे मुश्किल क्या है...

मार्गदर्शक चिंतन-

यक्ष गीता में युधिष्ठर से यक्ष ने एक प्रश्न किया है कि दुनिया में सबसे मुश्किल क्या है ? धर्मराज ने बड़ा सुन्दर जबाब दिया है कि सबसे मुश्किल है किसी भी कार्य को प्रारम्भ कर देना। 
शुरुआत करना ही सबसे मुश्किल है। आप दृढ संकल्प के साथ जब खड़े हो जाते हो तो आधा कार्य तो समझो तभी हो जाता है। आदमी बिचारता बहुत है। कार्य में तो 5% ऊर्जा ही लगती है, 95% तो सोचने में और प्लानिंग करने में लग जाती है। कर्म करते समय ही तो पता चलेगा कि और क्या-क्या सुधार किया जा सकता है नए कार्य करो लेकिन समय वद्धता जरूर रखो। कब तक कार्य को पूरा करना है। नहीं तो इतने कार्य पैंडिंग हो जायेंगे कि फिर कोई भी कार्य ढंग से नहीं हो पायेगा। क्रिया से आदमी उतना नहीं थकता जितना ये बिचार करके थक जाता है कि उसे क्या-क्या करना है।
जिन्दगी मिली थी कुछ करने के लिए।
लोगों ने सोचने में ही गुजार दी॥

एक ज़िन्दगी अमल के लिए भी नसीब हो।
ये ज़िन्दगी तो नेक इरादे में कट गई ॥

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