Tuesday 16 May 2017

जानिए कहां मिलेगा वास्तविक सुख..

मार्गदर्शक चिंतन-

दुनिया में रहो लेकिन अपने भीतर जीओ। जब बाहर का माहौल दुःख देने लग जाये तो अंतर्मुखी हो जाओ। बाहर के साधनों से सुख की झलक मिल सकती है पर वास्तविक सुख तो तुम्हें स्वयं के भीतर ही मिलेगा और स्वयं के द्वारा ही मिलेगा।
शांति के लिए तुम्हें ना कहीं जाना है ना कहीं पहुंचना है। ना कुछ पकड़ना है ना कुछ छोड़ना है। बस तुम्हें स्वयं शांत रहकर शांति को महसूस करना है। शांति तो प्राप्त है तुम अकारण के और मूर्खतापूर्ण कर्म करके स्वयं अपनी शांति भंग करते हो।
जिन्दगी बहुत छोटी है ओर ये इच्छाएं कभी पूरी होने का नाम नहीं लेंगी। कितना भी मिल जाये तृष्णा खतम होने का नाम ही नही लेती। तुम किस 99वे के फेर में पड़ गए हो। छोड़ों इन व्यर्थ की आकांक्षायों को और प्रभु से अपना सम्बन्ध बनाओ, तभी शांति मिलेगी।

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