Thursday 25 May 2017

जानिए क्या है जीवन में समय का महत्व..

मार्गदर्शक चिंतन-

समय पर सब होता है , समय पर जन्म , समय पर सफलता , समय पर असफलता, समय से पहले कुछ नहीं होता। विपत्ति और सम्पत्ति दैवयोग से समय आने पर ही घटती है। ऐसा जो जान चुका है, समझ चुका है, वह हर हाल में , हर चाल में प्रसन्न रहता है।
चिंता पैदा होती है कर्ता भाव से , जब तुम कर्ता भाव छोड़ देते हो , ईश्वर को कर्ता मान लेते हो। फिर कैसी चिंता , कैसा तनाव , कैसा अपमान , कैसी हानि , कैसा दुःख ? समस्या तो यही है तुम कर्तृत्व छोड़ना ही नहीं चाहते हो। 
कर्ता भाव छोड़ने का केवल इतना ही अर्थ है कि तुम अकारण रूप से तनाव मत लेना। पुरुषार्थ जरूर करना, श्रम शरीर से करना लेकिन उद्विग्न और चिंतित मत होना। प्रभु पर भरोसा रखना , समय आने पर सब कुछ अच्छा हो जायेगा।

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