Sunday 14 May 2017

जानिए क्या है सबसे बड़ा..धन..

492राधे राधे - आज का भगवद चिन्तन ॥
03-03-2017
? 
प्रेम ही सबसे बड़ा धन है। प्रेम ही पन्चम पुरुषार्थ है और यही श्री कृष्ण के माधुर्य का आस्वादन कराता है। "" प्रीतम प्रीति ही ते पैये ""। प्रभु रीति से नहीं प्रीति से ही प्राप्त होते हैं। मुक्ति तो भगवान् किसी भी भाव से भक्ति करने वाले को दे देते हैं पर भक्ति प्रेम वाले को ही देते हैं।
? 
प्रेम के लक्षण क्या है ? बल्लभाचार्य जी महाराज कहते हैं कि जब भगवान् के नाम, रूप , लीला का स्मरण होते ही आँखों से अश्रुपात तथा शरीर में रोमांच होने लगे , वाणी गदगद हो जाये , कंठ अवरुद्ध हो जाये तो उसे प्रेम की दशा समझनी चाहिए। ऐसी दशा पर रीझकर ही भगवान् भक्तों को दर्शन देते हैं।
ऐसा प्रेम जिसके वश में भगवान् भी हो जाते हैं वह प्रेम केवल दो ही मार्ग से प्राप्त होता है। संत के संग से या सत्संग से , इसलिए निरंतर इनका आश्रय करो।

No comments:

Post a Comment