Sunday 24 September 2017

नवरात्र रहस्य...जय मां स्कंदमाता

नवरात्र के पांचवे दिन आज स्कन्द माता की आराधना की जाती है। स्कन्द कार्तिकेय जी का दूसरा नाम है। कार्तिकेय जी को पुरुषार्थ का स्वरूप बताया गया है। कर्म करने वाला ही ऊंचाइयों को प्राप्त करता है व हर ऐच्छिक वस्तु उसे प्राप्त होती है।
माँ हिंसक सिंह पर सवार रहती हैं इसका अर्थ ही यही है कि उन्होनें चुनोतियों से मुख मोड़ा नहीं, अपितु उन्हें स्वीकार कर लिया है। चुनौतियाँ वाहुवल के दम पर नहीं अपितु आत्मवल के दम पर जीती जाती हैं।
आत्मवल के धनी समस्या रुपी शेर की सवारी करते हैं अर्थात समस्या को अपने अनुकूल बना लेते हैं। वहीँ कमजोर लोग समस्या का शिकार हो जाते हैं। पुरुषार्थ के लिए प्रेरित करने वाले माँ के इस स्वरूप को प्रणाम।

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