पूजा में फूलों का महत्व..
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.हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ से जुड़ी अनेक परंपराएं हैं। उन्ही में से एक परंपरा है भगवान को ताजे फूल अर्पित करने की लेकिन भगवान को रोज ताजे फूल ही क्यों चढ़ाए जाते है ?
ये
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि
सुखे फूलों को या मुरझाए फूलों
को भगवान के समक्ष रखना शुभ
नहीं माना जाता है। ताजे फूलों
को पूजा में हमेशा रखा जाता
है क्योंकि फूल की खुश्बू और
सुन्दरता पूजन करने वाले के
मन को सुन्दरता और शांति का
एहसास दिलावाती है।
ऐसा माना जाता है कि जब पूजा में इनका उपयोग किया जाता है, तो फूल अद्भुत ऊर्जा का सृजन पूरे घर में करते है और इससे घर में खुशियों का आगमन होता है।
ऐसा माना जाता है कि जब पूजा में इनका उपयोग किया जाता है, तो फूल अद्भुत ऊर्जा का सृजन पूरे घर में करते है और इससे घर में खुशियों का आगमन होता है।
ताजे
फूल घर में सजाए जाना वास्तु
के दृष्टीकोण से भी सौभाग्य
का सूचक माना गया है। जब भगवान
के सामने रखे फूल सूखने या
मुरझाने लगे,
तो
इन्हें तुरंत हटा देना चाहिए
और इनकी जगह ताजे फूल रख देना
चाहिए
क्योंकि ताजे फूल जीवन के प्रतीक है । जबकि सूखे फूल मृत्यु के सुचक है। जो वस्तु मृत्यु का प्रतीक है उसे घर में नहीं रखना चाहिए !
क्योंकि ताजे फूल जीवन के प्रतीक है । जबकि सूखे फूल मृत्यु के सुचक है। जो वस्तु मृत्यु का प्रतीक है उसे घर में नहीं रखना चाहिए !
इसलिए
कितना भी बड़ा पूजन घर में
किया गया हो या किसी बड़े
तीर्थस्थल से आप फूल अपने घर
में लाएं हो 48
घंटे
बाद उसका असर नहीं होता है।
फूल का सुप्रभाव खत्म हो जाता
है
इसलिए भगवान को हमेशा ताजे फूल ही चढ़ाए जाते हैं।
इसलिए भगवान को हमेशा ताजे फूल ही चढ़ाए जाते हैं।
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