मार्गदर्शक चिंतन-
परिवेश का हमारे जीवन में जाने- अनजाने में बहुत फर्क पड़ता है। अच्छे माहौल में रहने पर ना चाहते हुए भी उसके शुभ चिन्ह हमारे मन- मस्तिष्क पर पड़ने लगते हैं और वह धीरे-धीरे हमारे आचरण में भी झलकने लगता है।
ठीक इसी प्रकार बुरे माहौल का भी हमारे चित्त पर असर पड़ता है। हम चाहे कितना भी तटस्थ रहने का प्रयास करें मगर एक ना एक दिन हमारा स्वभाव, हमारा आचरण बिगड़ता ही है।
अपना वेश ही नहीं परिवेश भी अच्छा रहे। परवेश यानि माहौल पर ही व्यक्ति का व्यक्तित्व निर्भर करता है। हमारा व्यक्तित्व ही यह झलकाता है कि हम कौन से माहौल में रहते होंगे ? एक सुखमय जीवन के लिए केवल महल (घर) ही नहीं अच्छे माहौल का भी होना आवश्यक है।
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