Monday 24 October 2016

कैसा हो आपका आचरण..जिससे बन जाए सबके प्रिय

मार्गदर्शक चिंतन-

आचरण के अभाव में केवल आवरण से भारतीय बनना, वास्तव में माँ भारती से छल करना ही है। भारत केवल एक राष्ट्र का ही नाम नहीं अपितु एक जीवन पद्धति का नाम भी है। 
प्राणी मात्र से प्रेम, अपने से छोटों से प्यार व बड़ों की सेवा, अतिथि सत्कार की भावना, सम्पूर्ण प्रकृति का ही परमेश्वर के रूप में पूजन, पूर्ण निष्ठा से कर्तव्यों का पालन, नारी से मित्रवत नहीं, मातृवत व्यवहार व पीडित में ही परमेश्वर दर्शन,यही तो वास्तविक तौर पर एक सच्चे भारतीय होने का अर्थ है।
भारत, यानि जीवन जीने की एक श्रेष्ठतम जीवन पद्धति, जहाँ कण-कण में परमात्मा का दर्शन किया जाता है। केवल भारत में रहना पर्याप्त नहीं, हमारे भीतर भारतीयता भी रहनी चाहिए। अतः केवल आवरण से ही नहीं, आचरण से भी भारतीय बनो।

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