Wednesday 26 July 2017

जीवन में हर पल आनंद मनाओ, उत्सव मनाओ..

मार्गदर्शक चिंतन-

जीवन को ढोओ मत जिओ। पल पल उत्सव मनाओ, आनन्द मनाओ। हर स्थिति में खुश रहने का प्रयास करो। यहाँ सदैव एक जैसी स्थितियां तो किसी की भी नहीं रहती।
अभाव में भी खुश रहना सीखो क्योंकि जिसको रोने की आदत पड़ जाए तो वह कुछ पाने के बाद भी रोता ही रहता है। जीवन क्षणभंगुर है, यह तो विश्राम है, यात्रा तो इससे आगे भी होनी है। जीवन को क्षणभंगुर समझने का मतलब यह नहीं कि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा विषयोपभोग कर लिया जाए।
बल्कि यह है कि फिर दुवारा अवसर मिले ना मिले इसलिए इस अवसर का पूर्ण लाभ लेते हुए इसे सदकर्मों में व्यय किया जाए

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