Thursday 16 November 2017

क्या है विनम्रता का सही मतलब...

मार्गदर्शक चिंतन-

विनम्रता का अर्थ सबकी सुन लेना नहीं अपितु स्वयं की सुन लेना है। विनम्र मनुष्य का अर्थ ही वह मनुष्य है, जो दूसरों की कम और स्वयं की आत्मा की आवाज को ज्यादा सुनता हो। स्वयं की आवाज सुनने वाला मनुष्य कभी भी उग्र नहीं हो सकता क्योंकि उग्रता का कारण ही केवल इतना सा है, कि स्वयं की आवाज को अनसुना कर देना।
जो मनुष्य सबकी सुने मगर स्वयं की न सुने, तो समझ लेना वह व्यक्ति कभी भी वास्तविक विनम्र नहीं हो सकता। उसकी वह विनम्रता केवल और केवल दिखावे से ज्यादा कुछ नहीं।
विनम्रता झुकना नहीं सिखाती अपितु स्वाभिमान के साथ जीना सिखाती है। सबको सुनना फिर स्वयं को सुनना फिर उसे गुनना और फिर कुछ कहना, इसी का नाम तो विनम्रता है।

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