मार्गदर्शक चिंतन-
गुलामी की वजह से हम कमजोर नहीं बनते अपितु कमजोरी हमें गुलाम बना देती है। दूसरों के नियंत्रण में रहने का नाम गुलामी नहीं अपितु स्वनियंत्रित न हो पाना, यही महागुलामी है।
गुलामी का मतलब यह नहीं कि आप दूसरों की इच्छा से काम कर रहे हैं अपितु यह है कि आप अनिच्छा से काम कर रहे हैं।
गुलामी का अर्थ शरीरगत बंधन नहीं अपितु विचारगत पराधीनता है।
किसी
भी दशा में आपके श्रेष्ठ विचारों
का अतिक्रमण न हो इसी का नाम
स्वतंत्रता है !
मंजर
बदल देती है जीने की अदा,कोई
पिंजरे के बाहर भी कैद रहा,
कोई
पिंजरे के भीतर भी आज़ाद जिया।
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