Thursday 9 February 2017

जानिए क्या है उत्तम चरित्र की शक्ति...

( चरित्र की शक्ति )
चरित्र एक ऐसी चीज़ है जो इंसान को एक साधारण व्यक्ति से लेकर स्वर्ग मेँ रहने वाले देवताओँ तक के बीच ऊच्च पद प्रदान कर सकता है 
जिस स्त्री ( लडकी/औरत ) या पुरुष का चरित्र हमेशा बुरे कर्मो से बचा रहता है ऐसा पुरुष या स्त्री समाज ही नही अपनी दृष्टि मेँ भी सम्मानित रहता है पर जिसका चरित्र ही खराब हो जाये तो ऐसा व्यक्ति अपनी ही नज़रोँ मेँ गिर जाता है ।
अपने श्रेष्ठ चरित्र के कारण ही हम सीता राम जी, राधा कृष्ण और लक्ष्मी नारायण को पूजते है ।
और चरित्रहीन होने के कारण ही शूर्पणखा और मंथरा जैसे लोगोँ से घृणा करते है
श्री कृष्ण ने भी विदुर जी को यही उपदेश दिया था । कि जहां मैँ एक तरफ युधिष्ठिर जैसे चरित्रवान लोगोँ का साथ दे रहा हूँ वही कुरुवंश मेँ जन्मेँ दुर्योधन और दुःशासन जैसे चरित्रहीन हर व्यक्ति का नाश भी करता हूँ । 
चरित्रवान व्यक्ति के हाथोँ से अर्पित एक पुष्प भी मै सहर्ष स्वीकार करता हूँ किँतु चरित्रहीन व्यक्ति के द्वारा चढाये गये भोग और श्रृंगार कभी मुझ तक नहीँ पहुँचते । जिसका चरित्र बचा हुआ है वही मुझ तक पहुँचता है चरित्रहीन व्यक्ति कदापि मेरी कृपा नही पा सकता ।
चरित्रहीन व्यक्ति चाहे वो स्त्री हो या पुरुष मरे हुए के समान होता है । ऐसे व्यक्ति को देवता भी देखना पसंद नहीँ करते ।


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