Tuesday 29 August 2017

जीवन कैसे बनेगा आनंददायक..

मार्गदर्शक चिंतन-

जीवन में बुराई अवश्य हो सकती है मगर जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता। जीवन एक अवसर है श्रेष्ठ बनने का, श्रेष्ठ करने का, श्रेष्ठ पाने का। जीवन की दुर्लभता जिस दिन किसी की समझ में आ जाएगी उस दिन कोई भी व्यक्ति जीवन का दुरूपयोग नहीं कर सकता।
जीवन वो फूल है जिसमें काँटे तो बहुत हैं मगर सौन्दर्य की भी कोई कमी नहीं। ये और बात है कुछ लोग काँटो को कोसते रहते हैं और कुछ सौन्दर्य का आनन्द लेते हैं।

जीवन में सब कुछ पाया जा सकता है मगर सब कुछ देने पर भी जीवन को नहीं पाया जा सकता है। जीवन का तिरस्कार नहीं अपितु इससे प्यार करो। जीवन को बुरा कहने की अपेक्षा जीवन की बुराई मिटाने का प्रयास करो, यही समझदारी है।

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