Sunday 13 August 2017

सत्य जिसके पास है वो हार नहीं सकता...

मार्गदर्शक चिंतन-

मनुष्य जीवन से संघर्ष कभी भी खतम नहीं हो सकता। यह प्रत्येक घडी प्रत्येक पल चलता ही रहता है। बाहर और भीतर दोनों जगह थोड़े - थोड़े कुरुक्षेत्र के हालात बने ही रहते हैं। सब जीतना ही चाहते हैं , ऐसा कौन होगा जो हारना चाहे।
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रामदिवत, वर्तितव्यम्। भगवान् राम जैसा व्यवहार जिसके जीवन में होगा वो कभी भी पराजित नहीं हो सकता। राम कौन हैं ? " रामो विग्रहवान धर्मः। भगवान राम धर्म के जीवंत स्वरूप् हैं। 
राम माने सत्य, शुचिता, पवित्रता, सहजता, उदारता, कर्तव्य परायणता, साधना। तो हारने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। स्मरण रखना सत्य जिसके पास है वो ना भीतर हार सकता और ना ही बाहर। असत्य के मार्ग पर चलने वाला वाला हारेगा तो पक्का, साथ ही सदैव कष्ट ही अनुभव करेगा।

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