
माँ हिंसक सिंह पर सवार रहती हैं इसका अर्थ ही यही है कि उन्होनें चुनोतियों से मुख मोड़ा नहीं, अपितु उन्हें स्वीकार कर लिया है। चुनौतियाँ वाहुवल के दम पर नहीं अपितु आत्मवल के दम पर जीती जाती हैं।
आत्मवल के धनी समस्या रुपी शेर की सवारी करते हैं अर्थात समस्या को अपने अनुकूल बना लेते हैं। वहीँ कमजोर लोग समस्या का शिकार हो जाते हैं। पुरुषार्थ के लिए प्रेरित करने वाले माँ के इस स्वरूप को प्रणाम।
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