
व्रह्म चारिणी का दूसरा अर्थ है जो व्रह्म में ही विचरण करे जो स्वयं ही व्रह्म स्वरुप हो जाए। इन देवी के बारे में कहा जाता है ये अति सौम्य , सरल , सदा प्रसन्न रहने वाली और कभी भी क्रोध ना करने वाली देवी है।
जिस जीवन में विनम्रता, सहजता होगी और पवित्रता होगी, वहाँ व्रह्म जरूर आते हैं। क्रोध जीवन की ऊर्जा का ह्रास करता है और कभी भी क्रोध ना करने के कारण ही देवी व्रह्म चारिणी शक्ति संपन्न होकर सबको नियंत्रित कर रही हैं।
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